Thursday, 15 January 2015

तब तुम कितनी अलौकिक हो गईं थीं....



तुम प्रार्थना नहीं करतीं
मगर तब भी ....
तुम्हारी चुप्पी मुझे श्रद्धा से भर देती है।
जब-जब तुम्हें सोचूँ ;
वो आल्हादित चेहरा उभर आता है।
अधखुले होठों से आकाश को निहारता हुआ !
सामने के वो दो दाँत,
जिनसे अजीब सी रोशनी छिटकी पड़ती है।
...जब-जब भी मुसकाती हो तुम !
और वो काले मनकों की माला .....
जो तुमने उस गुप-चुप दीक्षा के बाद पहनी थी।
लेकिन वो नाम नकार दिया था,
जो उस कत्थई कपड़ों वाले दीक्षक ने तुम्हें दिया था।
तुम्हारे उन शब्दों को अब तक नहीं भूला मैं ...
“यार ये नाम बड़ा ड्राइ-ड्राइ सा लग रहा है।
मैं तो सुगंध हूँ,
जिसकी कोई शक्ल नहीं होती
सुगंधा नाम ही सूट करेगा मुझे।”

उफ़....
तुम्हारी बातें यदि लोग जान लें
तो मुरीद हो जाएँ तुम्हारे !
वो क्या कहती हो तुम......
“ये दुख-वुख छोड़ो यार।”
उस दिन,
जब मैं तुमसे लिपट कर रो पड़ा
तब तुम अचानक कितनी अलौकिक हो गईं थीं।
“बादल है, गुज़र जाएगा
रोना आ रहा है
इसका भी आनंद लो ...
समझोगे शायद, जो मैं कह रही हूँ।”

तुम...
क्वाँरी बयार हो
जब-जब मेरे चेहरे को छूकर गुज़रती हो,
तब-तब अल्हड़ हो जाता हूँ।
लाख कोशिशों के बाद भी
कभी कोई तुम जैसा नहीं खोज पाया मैं !

याद है एक बार,
बात ही बात में बहकर बहुत दूर चली गईं थीं तुम...
“आय लव टु बी अलोन
आय डोंट वेस्ट माय स्वीट प्योर एनर्जीस
माय फेमिनिन सेल्फ”
तुम्हारी इन बातों के मायने मैं बड़ी देर में समझ पाता हूँ।

अभी कुछ ही दिन तो बीते
जब तुमने ये तस्वीरें  WhatsApp पर भेजीं
और लिख दिया
“माय फ्रेंड सेंड दीज़ 
समवेअर फ्रॉम रुअरल राजस्थान”
उसके बाद तुम देर तक ऑनलाइन रहीं
शायद मेरी प्रतिक्रिया के इंतज़ार में
और मैं चुपचाप तुम्हारे लास्ट सीन होने का रस्ता देखता रहा।
फिर-फिर वही तो होता है।
जब तुम सामने होती हो, मैं लड़खड़ा जाता हूँ।
शब्दों के चयन से लेकर स्पेलिंग मिस्टेक्स तक,
जाने कितने असंतुलन पैरों तले सिमट आते हैं।

पता है,
जब मैं चुपचाप उन तसवीरों को जी रहा था,
तब ये सोच रहा था ...
कि तुम उसी वक़्त,
आकाश-मार्ग से उड़ती हुयी आओ,
मेरा हाथ थामो और ले चलो मुझे अपने साथ....
राजस्थान के उसी गाँव में !
वहाँ मैं इन बच्चों से मिलूँगा, बातें करूँगा  
खेत-खलिहान में दौडूँगा
बाजरे की सिट्टी को झगरा लगा कर सेकूँगा
तुम्हें मीठे-गरम दाने खिलाऊँगा
ले चलोगी न ....
बस एक बार !!!

तुम्हारा

देव






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