ज़िंदगी
कभी अजीब नहीं हुआ करती
बस....
जब
वो हमारे पैमानों के मुताबिक़ नहीं होती
तो
अजीब लगने लगती है।
वैसे
भी ज़रूरतों का क्या ?
जब
तक ज़िंदगी है,
तब
तक ही तो ज़रूरतें हैं !
जिस
दिन ज़िंदगी चुक जाती है
ज़रूरतें
ख़ुद-ब-ख़ुद पूरी हो जाती हैं।
सखिया
मेरी...
ये
दूरी बड़ी भली है
नज़दीकियों
के पास तो
यथार्थ
का आईना होता है।
मगर
दूरियाँ,
अपने
साथ मरीचिकाओं के सुनहले सपने लेकर चलती हैं।
कितना
सुकून है, इस ज़िंदगी में
कि
दूर बैठकर हर दिन
तुम, मुझसे
मेरे
ऑक्सी-मीटर की रीडिंग बुलवाती हो
और
मैं, यंत्रवत सा
अपनी
उँगलियों पर
एक
मुलायम क्लिप को जकड़कर
टूँ
टूँ की आवाज़ करते, रीडिंग बताते
एक
अजीब से यंत्र की फोटो भेज देता हूँ।
कमाल
है ना....
निन्यानवे, सत्तानवे, पंचानवे
जैसे आंकड़ों ने
ज़िंदगी
को आशा से भर रखा है।
कुछ
लोग,
कभी
नहीं चाहते
कि
उनके आँसू दुनिया पर ज़ाहिर हों !
अजीब
फ़ितरत होती है ऐसे लोगों की,
सुर्ख़
आँखें लिये
इधर-उधर
देखा करते हैं।
रुलाई
आ जाये
तो
वॉश-रूम का पता पूछते हैं
धुले
हुये चेहरे को, फिर-फिर धोते हैं
कभी
अख़बार, तो कभी काले चश्मे से
अपने
चेहरे को ढँक लिया करते हैं।
ये
भी तो एक ज़िंदगी है
कि
जो है
वो
बस भीतर है
और
बाहर सिर्फ़ एक सन्नाटा !
मगर
मैं....
चाहकर
भी इस तरह से नहीं जी पाता !
आहत
होकर भी
अपनी
चाहत नहीं छोड़ पाता !
कितनी
बार कहा तुमसे
कि
एक बार वीडियो कॉल करके
अपनी
आँखें दिखा दो !
तुम
ये क्यों नहीं समझ पाईं
दरअसल, आँखें तो मैं अपनी दिखाना चाहता हूँ
कि
देख लो ना .....
मेरी
आँखों की नमी को !
कि
नमी का यूँ सूख जाना....अच्छा नहीं होता !!
मेरे
हाथों की उँगलियाँ
जो
तुम्हें हमेशा आर्टिस्टिक लगा करती हैं
अब
उनके नीचे,
काली
झाइयाँ उभरने लगी हैं।
मेरे
हमदर्द कहते हैं
कि
जिस हैंड-वॉश का
मैं
दिन में दस बार इस्तेमाल करता हूँ
...
वो बहुत स्ट्रॉन्ग है !
लेकिन
मेरे लिये तो
सबसे
स्ट्रॉन्ग, बस तुम हो।
क्या
ऐसा नहीं हो सकता ?
कि
पी.पी.ई. किट पहनकर
किसी
अलसभोर,
तुम
मिलने चली आओ !
मैं
उनींदा सोया रहूँ
और
तुम, मुझे पुकार कर कहो
“देव,
अब
तक क्यों सोये हो ?
याद
नहीं, पिछली की पिछली बरसातों में
तुम
पानी में भीगते हुये
मॉर्निंग-वॉक
किया करते थे !”
इतना
कहकर,
तुम
मेरी हथेलियों को हाथों में लेकर
अपनी
उँगलियों से सहलाओ
और
तुम्हारे स्पर्श मात्र से
ये
झाइयाँ गायब हो जाएँ।
मैं
जागकर जब तक
अपने
आपे में आऊँ
तब
तक तुम चली जाओ !
और
मेरे आस-पास
सिर्फ़
तुम्हारी ख़ुशबू बाक़ी रहे !!
तुम्हारा
देव
No comments:
Post a Comment